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ईद-ए-मिलाद-उन-नबी
आज पूरी दुनिया मे ईद-ए-मिलाद-उन-नबी मनाया जा रहा है. दुनियाभर में इस्लाम धर्म के आखिरी पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन के मौके पर ईद मिलाद उन-नबी मनाया जाता है. इसे मालविद के नाम से भी जानते हैं. इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने यानी रबी-अल-अव्वल की 12वीं तारीख,
पैंगबर साहब का जन्म 571 ई में हुआ था. कहते हैं कि रबी-उल-अव्वल के 12वें दिन ही मोहम्मद साहब का वफात भी हुई था. ईद मिलाद उन-नबी को दुनियाभर में धूमधाम के साथ मनाया जाता है. दावत का आयोजन किया जाता है, और बड़ी घूम-धाम से जुलूस निकाले जाते हैं. लेकिन इस साल कोरोना माहामारी के चलते बड़े जुलूस निकालने की इज़ाज़त नही है, हालांकि एक ट्रक पर 10 लोग बैठकर जुलूस निकालने की इजाज़त महाराष्ट्र सरकार ने दी है,
इस्लाम घर्म में इस दिन को बहुत ही खुशी के साथ मनाया जाता है, इस दिन खास तरह के पकवान बनाएं जाते हैं. परिवार और रिश्तेदारों के साथ मिलकर इस दिन को मनाया जाता है
ऐसा कहा जाता है कि 610 ईसवीं में मक्का के पास हीरा नाम की गुफा में उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. वहीं बाद में मोहम्मद साहब ने इस्लाम धर्म की पवित्र किताब कुरान की शिक्षाओं का पालन और उपदेश दिया.
माना जाता है कि हजरत मोहम्मद साहब का कहना था कि सबसे नेक इंसान वही है, जिसमें मानवता होती है. इसके अलावा उन्होंने कहा था कि जो ज्ञान का आदर करता है, वह मेरा सम्मान करता है. हजरत मोहम्मद का मानना था की शिक्षा के मुताबिक,भूखे को खाना दो, बीमार की देखभाल करो, अगर कोई गलती से बंदी बनाया गया है. तो उसे मुक्त करो, परेशानी में हर इंसान की मदद करो, भले ही वह मुसलमान हो या गैर मुस्लिम.
इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, काँग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सहित देश के बड़े नेताओं ने देशवासियों को बधाई दी है, हम सभी को मोहम्मद साहब के बताए रास्ते पर चलना चाहिए, अमन और शांति का पैगाम देने वाला ईद मिलादुन्नबी आप सभी को मुबारक हो