Mumbai
समुंदर में बार्ज पी305 जहाज़ डूबने से 66 लोगों की मौत, कई लापता
चक्रवाती तूफान ताउते के चलते अरब सागर में बार्ज पी-305 नामक जहाज़ के डूबने से उसमे मौजूद कर्मचारियों के मौत का आंकड़ा बढ़कर 66 हो गया है. बताया जा रहा है कि कुछ लोग अभी भी लापता हैं. वहीं नौसेना की दुरा चलाये गए रेस्क्यू आपरेशन के दौरान 196 लोगों को बचा लिया गया है. आपको बता दें कि मुंबई के समुद्री तट से लगभग 65 किलोमीटर दूर यानी (35 नॉटिकल माइल) पर ONGC के लिए काम कर रहे AFCONS के कर्मचारियों को रहने के लिए तैनात जहाज़ बार्ज P-305 चक्रवाती तूफान ताउते की चपेट में आकर डूब गया था
हालांकि इस घटना को लेकर अब राजनीति भी शुरू हो गई है. शिवसेना ने शनिवार को तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) को इस सप्ताह के शुरू में चक्रवात ताउते के बीच मुंबई तट पर बार्ज के डूबने से कई कर्मियों की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया और पूछा कि क्या पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान त्रासदी की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देंगे.
शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में कहा कि मौतें प्राकृतिक आपदा के कारण नहीं हुईं बल्कि यह गैर इरादतन हत्या का मामला है क्योंकि ओएनजीसी ने चक्रवात की चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया. संपादकीय में कहा गया, चक्रवात की चेतावनी पहले ही दे दी गई थी, लेकिन ONGC ने इसे नजरअंदाज कर दिया और बार्ज पर मौजूद 700 कर्मियों को वापस नहीं बुलाया.
संपादकीय में कहा गया, अगर भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल ने खोज और बचाव अभियान शुरू नहीं किया होता तो सभी 700 लोग समुद्र में डूब जाते. ये कर्मचारी भले ही किसी निजी कंपनी के कर्मचारी हों, लेकिन ये ओएनजीसी के लिए काम कर रहे थे. इसलिए, उनकी रक्षा करना ओएनजीसी प्रशासन का कर्तव्य था.
इस हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों का बुरा हाल है, महाराष्ट्र के पिंपरी चिंचवड़ के रहने वाले नीलेश भी इस हादसे के शिकार हो गए, उनकी मौत के बाद उनके भाई का रो रो कर बुरा हाल है, नीलेश के परिवार में उनकी पत्नी, दो बच्चे के अलावा बुज़ुर्ग माँ बाप है, ऐसे में सरकार और ONGC को मारे गए सभी लोगों के परिवारों की ज़िम्मेदारी लेते हुए हर तरह की मदद करनी होगी.