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क्या पश्चिम बंगाल में नेताओ की होगी घर वापसी?
पश्चिम बंगाल विधानसभा के चुनावी नतीजे को आये आज एक महीना हुआ है। चुनाव के पहले तृणमूल कांग्रेस के 50 से भी ज्यादा नेता TMC को छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। लेकिन अब ख़बर आ रही है कि इनमें से कई नेता दोबारा टीएमसी में वापस जाना चाहते हैं। दैनिक भास्कर में छपी ख़बर के मुताबिक मुकुल रॉय और राजीब बनर्जी जैसे बड़े नामों को लेकर भी दावा किया जा रहा है कि ये फिर से टीएमसी जॉइन कर सकते हैं, मुकुल रॉय अभी बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। वे टीएमसी छोड़ने वाले पहले बड़े नेताओं में से एक थे। रॉय ने बीजेपी को 2018 में हुए पंचायत चुनाव में जीत दिलवाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। इस बार वे कृष्णनगर उत्तर सीट से चुनाव लड़े थे और जीते भी। कुछ दिनों से चर्चा चल रही है कि वे दोबारा टीएमसी में शामिल हो सकते हैं, लेकिन बीजेपी प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने इस बात का खंडन किया है। भट्टाचार्य का कहना है कि मुकुल रॉय और राजीब बनर्जी को लेकर जो भी बातें हैं, वे सभी अफवाहें हैं। इनमें कोई सच्चाई नहीं। दरअसल हाल ही में मुकुल रॉय के बेटे सुभ्रांशु रॉय ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा था कि जनता द्वारा चुनी गई सरकार की आलोचना करने के बजाय आत्मनिरीक्षण करना बेहतर है। रॉय की इसी पोस्ट के बाद ये कयास लगाए जाने लगे थे कि वे अपने पिता के साथ टीएमसी जॉइन कर सकते हैं। हालांकि भट्टाचार्य का कहना है कि उन्होंने आवेश में आकर ऐसा लिखा था। पार्टी छोड़ने जैसी कोई बात नहीं है।आपको बता दे सुभ्रांशु को बीजेपी ने बीजपुर से टिकट दिया था, लेकिन वो वहां से हार गए थे
34 विधायक शामिल हुए थे,लेकिन बीजेपी ने सिर्फ टिकट 13 को ही दिया था
विधानसभा चुनाव के पहले टीएमसी से बीजेपी में 34 विधायक शामिल हुए थे, लेकिन इसमें से टिकट सिर्फ 13 को ही मिल पाया था। जिन्हें टिकट नहीं मिला, उनमें एक बड़ा नाम दिनेश त्रिवेदी का था। वे चुनाव के कुछ ही दिनों पहले बीजेपी में आए थे।
मीडिया में खबर आने के बाद टीएमसी सांसद शुखेंदु शेखर राय कहते हैं, 5 जून को दोपहर 3 बजे पार्टी ऑफिस में हमारी मीटिंग है। इसमें इस मुद्दे पर भी बात हो सकती है। हालांकि अब किसी को भी शामिल करने से पहले बहुत सारे सवालों के जवाब तलाशे जाएंगे। जैसे, जो आना चाहता है, वो पार्टी छोड़कर क्यों गया था। वो वापसी क्यों चाहता है। ये भी देखेंगे कि कहीं ये बीजेपी की साजिश तो नहीं। घुसपैठ की कोशिश तो नहीं। ऐसे तमाम सवालों के जवाब मिलने के बाद ही पार्टी निर्णय लेगी कि किसी को शामिल करना है या नहीं। राय कहते हैं- सांसदों-विधायकों में कई के नाम अभी सामने नहीं आए हैं, जबकि वे भी टीएमसी में शामिल होना चाहते हैं। जो माहौल बना है, वही रहा तो बंगाल में बीजेपी का पत्ता भी साफ हो सकता है।
बीजेपी ये नेता खुलकर सामने आए
सरला मुर्मु, पूर्व विधायक सोनाली गुहा और फुटबॉलर से राजनेता बने दीपेंदू विश्वास ने साफ कर दिया है कि वे दोबारा टीएमसी में शामिल होना चाहते हैं। सरला मुर्मु को टीएमसी ने हबीबपुर से टिकट दिया था। इसके बावजूद उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। अब वे टीएमसी में वापसी चाहती हैं।
इसी तरह पूर्व विधायक सोनाली गुहा भी घर वापसी के इंतजार में हैं। उन्होंने ममता बनर्जी को पत्र लिखकर कहा है, 'जिस तरह मछली पानी से बाहर नहीं रह सकती, वैसे ही मैं आपके बिना नहीं रह पाऊंगी, दीदी'। फुटबॉलर से राजनेता बने दीपेंदु विश्वास ने भी दीदी को पत्र लिखकर टीएमसी में शामिल होने की इच्छा जताई है।
बंगाल की 294 में से 213 सीटें टीएमसी ने जीती हैं। 77 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली है। चुनाव के चंद महीनों पहले टीएमसी के 50 से ज्यादा नेताओं ने बीजेपी का दामन थाम लिया था। इसमें 34 तो विधायक थे, जिन्हें पूरी उम्मीद थी कि इस बार बीजेपी ही जीतेगी। कईयों की आस बीजेपी में आने के बाद भी पूरी नहीं हो पाई थी, क्योंकि पार्टी ने उन्हें टिकट ही नहीं दिया। हालांकि चुनावी नतीजो ने इन दल बदलू नेताओ को बड़ा झटका दिया है शायद यही वजह है कि ये लोग फिर से अपनी घर वापसी चाहते है, ऐसे में मुख्यमंत्री ममता दीदी क्या सोचती है इसपर हमारी नज़र बनी रहेगी.