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क्या बिहार में सरकार बनाने की तैयारी कर रहे लालू यादव?
आज पूरे देश मे कोरोना संक्रमण को लेकर त्राहिमाम मचा हुआ है,बिहार भी अछूता नही है, हालांकि इन दिनों कोरोना के नए केस में काफी कमी हुई है, ऐसे में बिहार में राजद ने दावा किया है कि लॉकडाउन खत्म होते ही पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव दिल्ली से बिहार लौट आएंगे। उनके लौटते ही बिहार में बंगाल की तरह बड़ा सियासी खेला होगा। फिलहाल लालू अपनी पत्नी राबड़ी के साथ दिल्ली में अपनी बड़ी बेटी मीसा भारती के आवास पर हैं। तेजस्वी यादव भी काफी दिनों से दिल्ली में ही होने का दावा कर रहे हैं। लालू परिवार के करीबी और मनेर के विधायक भाई वीरेंद्र ने ऐसा दावा किया है तो पार्टी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बयानों का इशारा समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि समझने वाले समझ चुके हैं कि बिहार में आगे क्या होगा, जो नहीं समझ पाए हैं वे अनाड़ी हैं। हालांकि एनडीए के नेताओं ने राजद के दावे की हकीकत कुछ और बताई है।
भाई वीरेंद्र ने साफ तौर पर कहा कि लालू की बिहार वापसी के लिए कोरोना के मामले कम होने और लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजद सुप्रीमो के आते ही राज्य में राजनीतिक गतिविधियां बढ़ेंगी और बहुत जल्द महागठबंधन की सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि लालू के लौटते ही राज्य में राजनीतिक उथल-पुथल तेज होगी।
वहीं इसके उलट जदयू के प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा कि बंगाल में भले खेला हो गया, लेकिन बिहार में यह सपना पूरा होने वाला नहीं है। क्योंकि बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार है। राजद के लोग ख्याली पुलाव पकाने और सपने देखने में व्यस्त हैं। जदयू के नेता और पूर्व सूचना जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने तंज कसते हुए कहा कि लालू का ऑक्सीजन लेवल आजकल काफी गिर गया है, लेकिन उनका ट्वीट लेबल बढ़ा हुआ है। लिहाजा उन्हें खुश करने के लिए कुछ नेता बयान देते रहते हैं।
जेल में रहते भी कोशिश कर चुके लालू
दैनिक जागरण में छपी खबर के मुताबिक रांची की जेल में रहते हुए भी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर बिहार में सियासी खेल करने की कोशिश का आरोप लगा है और प्राथमिकी भी दर्ज हुई है। भाजपा के एक विधायक ने दावा किया था कि लालू ने उन्हें जेल से फोन कर पाला बदलने को कहा। बहरहाल, लालू जब से जमानत पर जेल से बाहर आए हैं, बिहार में राजद नेताओं का हौसला काफी बुलंद है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बंगाल की तरह बिहार में भी सियासी खेला होगा.